रेत के नीचे बहती एक  नदी – कविता 



आँखों की चमक ,

होठों की मुस्कुराहटों ,

तले दबे 

 आँसुओं के  सैलाब ,


और दिल के ग़म 

नज़र आने के लिये 

नज़र भी  पैनी  चाहिये.

 कि 

रेत के नीचे बहती एक  नदी भी  है.