हमदर्द – कविता

अपने दर्द में ङूब, हमदर्द खोजा
जवाब मिला –
सब हैरान बहुत हैं…….
अगर कोई मिले, हमारा घर भी दिखा देना।
हम भी परेशान बहुत है।