समय चक्र चलता रहता है,
अँधेरा …. अौर फिर उजाला….
कहते हैं –
अँधेरे को उजाला हराता है।
पर अक्सर लगता है –
रात के अँधेरे अनोखे…. अद्भुत…… विचार देते हैं।
शायद
मौन अंधेरा आँखों
की ताकत भी दिलो दिमाग में भर देता है।
शायद
स्वयं को देखने अौर आत्म मंथन
के हालात बना नवल -नये विचारों को जगाता है।

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