शब्द, विचार अौर सपने

ना जाने कितने शब्द अौर विचार 

जेहन में आते जाते रहते हैं ।

कुछ को पन्नों पर ऊतार  दिया

अौर कुछ खो जाते है।

 सोते या अर्ध निंद्रा में  भी

कई विचार अाते जाते रहते है।

पकङ लिया तो अपने हैं

वरना सपने हैं।