जब भी अपने दिल को छूआ….महसूस किया ….टटोला
ख्वाबों जैसे, कई रंग छलक कर बिखर गये
दर्द, खमोशी , खुशियाँ भरे !!
नम आँखों से उसे सहला कर
धङकनों के साथ वहीं वापस
रख दिया।
श्रद्धांजली
नमन पिता को !!!!!
21.12.2015
जब भी अपने दिल को छूआ….महसूस किया ….टटोला
ख्वाबों जैसे, कई रंग छलक कर बिखर गये
दर्द, खमोशी , खुशियाँ भरे !!
नम आँखों से उसे सहला कर
धङकनों के साथ वहीं वापस
रख दिया।
श्रद्धांजली
नमन पिता को !!!!!
21.12.2015