
आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। इस साल शरद पूर्णिमा 15 अक्टूबर को है। यह शरद ऋतु या जाडे के मौसम के आगमन का सूचक हैं.
मान्यता –
माना जाता हैं इस रात चंद्रमा से अमृत बरसता हैं और चंद्रमा की किरणें विशेष गुणों से भरी रहती हैं. अत शरद पूर्णिमा की रात कई लोग घरों की छतों पर खीर रखते हैं. अगले दिन इस खीर को आरोग्य वर्धक प्रसाद के रुप में खाया जाता है।
यह भी किंवदन्ति हैं भगवान श्रीकृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात रास रचाया था .एक मान्यता के अनुसार इस रात लक्ष्मी जी रात्रि भ्रमण के लिये निकलती हैं.
इन सब मान्चयताओं की वजह से इस रात कुछ समय चाँद को देखना और चाँदनी में समय बिताना अच्छा माना जता हैं.|
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