मिट्टी

विचारों के गहरे सागर में अकेले

ङूबते-उतराते  मन में एक ख्याल,

एक प्रश्न आया।

हम सब मिट्टी से उपज़ें हैं,

एक दिन मिट्टी में मिल जायेंगें।

यह जानते हुए भी,

जीवन से मोह इतना गहरा क्यों होते है?