Tag: मोड़
सङकें
धूप सेंकते मोटे अजगर सी
बल खाती ये काली अनंत
अंतहीन सड़कें
लगतीं है ज़िंदगी सी ……
ना जाने किस मोड़ पर
कौन सी ख़्वाहिश
मिल जाए .
कभी ज़िंदगी को ख़ुशनुमा बनाए
और कभी उन्हें पूरा करने का
अरमान बोझ बढ़ाए .
धूप सेंकते मोटे अजगर सी
बल खाती ये काली अनंत
अंतहीन सड़कें
लगतीं है ज़िंदगी सी ……
ना जाने किस मोड़ पर
कौन सी ख़्वाहिश
मिल जाए .
कभी ज़िंदगी को ख़ुशनुमा बनाए
और कभी उन्हें पूरा करने का
अरमान बोझ बढ़ाए .