पूजा स्थल

ईश्वर-नियन्ता पत्थरों की मुर्तियोँ में नहीं बसते।

हमारे विचारों मे बसते हैं।

अौर मन-आत्मा-दिल

वह मंदिर- मस्जिद -चर्च

वह पूजा स्थल हैं….

जहाँ ये विचार उपजते हैं।