ज़िंदगी के रंग – 149

बिगड़ी बातों को बनाना ,

नाराज़गी को संभालना,

तभी होता हैं जब

बिगाड़ने या नाराज़ होने वाला चाहे .

यह छोटी पर गूढ़ बात

बड़ी देर से समझ आई….

कि एक हाथ से ताली नहीं बजती.