बरसात की झड़ी
बादलों का गरजना ,
बरसती बूँदों की झड़ी
से प्यार हो जाता हैं ,
जब नीले आसमान में
छिटके इंद्रधनुष की सतरंगी
छँटा खिड़की तक उतर आती हैं.
धनक दिल और धड़कनों को अपने रंग में रंग जाती है.

बरसात की झड़ी
बादलों का गरजना ,
बरसती बूँदों की झड़ी
से प्यार हो जाता हैं ,
जब नीले आसमान में
छिटके इंद्रधनुष की सतरंगी
छँटा खिड़की तक उतर आती हैं.
धनक दिल और धड़कनों को अपने रंग में रंग जाती है.

बरसात की हलकी फुहार
के बाद सात रंगों की
खूबसूरती बिखेरता इंद्रधनुष निकल आया।
बादलों के पीछे से सूरज की किरणें झाँकतीं
कुछ खोजे लगी….. बोली….
खोज रहीं हूँ – कहाँ से इंद्रधनुष निकला है ?
इंद्रधनुष की सतरंगी आभा खिलखिला कर हँसी अौर
कह उठी – तुम अौर हम एक हीं हैं,
बस जीवन रुपी वर्षा की बुँदों से गुजरने से
मेरे अंदर छुपे सातों रंग दमकने लगे हैं।
मुम्बई की रिमझिम वर्षा की फुहारें
गंदलाये समुन्द्र की उठती पटकाती लहरे,
आसमान से नीचे झुक आये धुंध बने बादल ,
सीकते भुट्टो की सोंधी खुशबू
देख फुहारों में भीगने का दिल हो आया. …..
बाद में कहीँ नज़र आया
टपकती झोपड़ियों में भीगते ठिठुरते बच्चे ,
यह मेह किसी के लिये मजा और किसी की सजा है.
बाहर का बरसात, अंदर आँखो के रस्ते बरसने लगा.
Image from internet.