जी लो ज़िंदगी, जैसी सामने आती है.
सबक़ लो उस से …..
क्योंकि ज़िंदगी कभी वायदे नहीं करती.
इसलिए उससे शिकायतें बेकार है.
और जिन बातों को हम बदल नहीं सकते.
उनके लिए अपने आप से शिकायतें बेकार है.
छोटी-छोटी खुशियां हीं बड़ी खुशियों में बदल जाती हैं
जैसे छोटी दिवाली….से बड़ी दिवाली ।
शुभ छोटी दिवाली!!!

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