जिंदगी के किताब के पन्ने,
हवा के शरारती झोंके से,
फड़फड़ाते शोर मचाते पलटते देखा।
खूबसूरत नाजुक, लम्हे फिसलते देखा,
बेइंतहा इम्तिहानो से जिंदगी को गुजरते देखा,
जरूरत के वक्त रिश्तो को बदलते देखा,
पुराने फीके, पीले पन्नों जैसे फीके पङते यादों को जी कर देखा।
बस इतना ही समझ आया –
कभी समय नहीं गुजरता और कभी-कभी समय नहीं ठहरता।
और वक्त गुजरने में वक्त नहीं लगता।