
सुना था जिंदगी के सफ़र में,
ऐसे कई मोङ आते हैं
जहाँ कोई ना कोई छूट जाता हैं .
यह भी सुना-
छोटी सी है जिंदगानी
उम्र दो-चार रोज़ की मेहमान है .
मौसम रोज बदलते हैं…….
पर ऐसे बिना बोले
कोई अपना जाता है क्या ?


सुना था जिंदगी के सफ़र में,
ऐसे कई मोङ आते हैं
जहाँ कोई ना कोई छूट जाता हैं .
यह भी सुना-
छोटी सी है जिंदगानी
उम्र दो-चार रोज़ की मेहमान है .
मौसम रोज बदलते हैं…….
पर ऐसे बिना बोले
कोई अपना जाता है क्या ?
