चेहरा जाना पहचान !

गिनती नहीं

ज़िंदगी में चोटे दीं

कितनों ने कितनी बार।

पर दर्द तब ज्यादा हुआ,

जब चोटे देने वाला

 चेहरा जाना पहचान निकला।