पूजा स्थल

ईश्वर-नियन्ता पत्थरों की मुर्तियोँ में नहीं बसते।

हमारे विचारों मे बसते हैं।

अौर मन-आत्मा-दिल

वह मंदिर- मस्जिद -चर्च

वह पूजा स्थल हैं….

जहाँ ये विचार उपजते हैं।

बच्चे – मुक्तक

 

मंदिर के सामने  बच्चे खेल रहे थे,

मस्जिद के सामने लङने लगे।

चर्च के सामने झगङने लगे।

पर लोग हैरान थे, मुद्दा मंदिर, मस्जिद, चर्च नहीं 

एक नन्ही सी, हवा में लहराती पतंग क्यों है  ? ??