अकेलापन कभी डराता है, कभी सहलाता है।
कभी ख्वाबों ख़यालों में ले जाता है….
तब
कवितायें- कहानियाँ जन्म लेने लगतीं हैं
नये वजूद- चरित्र, मित्र बन
गले में बाहेँ डाल
अपनी दुनिया में खींच ले जाते हैं !!!!!!
अकेलापन कभी डराता है, कभी सहलाता है।
कभी ख्वाबों ख़यालों में ले जाता है….
तब
कवितायें- कहानियाँ जन्म लेने लगतीं हैं
नये वजूद- चरित्र, मित्र बन
गले में बाहेँ डाल
अपनी दुनिया में खींच ले जाते हैं !!!!!!