बातो में खुशबू
कभी कभी ही महसूस होती है
जैसे कच्चे गुलाबे इत्र की महक हो फैली हर ओर .
यह हवा के झोंके से बिखरती नहीँ
कहीँ गहरे दिल में
खजाने बन जमा हो जाती हैँ .
यादों के गुलाब बन कर .
बातो में खुशबू
कभी कभी ही महसूस होती है
जैसे कच्चे गुलाबे इत्र की महक हो फैली हर ओर .
यह हवा के झोंके से बिखरती नहीँ
कहीँ गहरे दिल में
खजाने बन जमा हो जाती हैँ .
यादों के गुलाब बन कर .