तन्हाई से मुलाकात हुई,
उसने अपनी भीगी पलकों को खोली,
…..बोली
मैं भी अकेली …..
क्या हम साथ समय
बिता सकते हैं?
हम नें कहा – हाँ जरुर …..
अकेलेपन अौर पीङा से
गुजर कर हीं कला निखरती है।
तन्हाई से मुलाकात हुई,
उसने अपनी भीगी पलकों को खोली,
…..बोली
मैं भी अकेली …..
क्या हम साथ समय
बिता सकते हैं?
हम नें कहा – हाँ जरुर …..
अकेलेपन अौर पीङा से
गुजर कर हीं कला निखरती है।