कहीं पढ़ा – उठना….. गिरना,
गिर-गिर कर उठना हीं सफल
जीवन की पहचान है।
ऊपर वाले कितनी बार कवायद करवाअोगे?
पानी के चलते फव्वारे या
गेंद के जैसा एहसास होता है ।
अब तो इज़ाजत दो थोङा ठहरने की , सुस्ताने की,
थोङी तो चैन की साँस लेने दो।

The true measure of success is how many times you can bounce back from failure.
कहीं पढ़ा – उठना….. गिरना,
गिर-गिर कर उठना हीं सफल
जीवन की पहचान है।
ऊपर वाले कितनी बार कवायद करवाअोगे?
पानी के चलते फव्वारे या
गेंद के जैसा एहसास होता है ।
अब तो इज़ाजत दो थोङा ठहरने की , सुस्ताने की,
थोङी तो चैन की साँस लेने दो।

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