एक गिरगिट से मुलाकात -हास्य व्यंग कविता The Chameleon – Poem

कल पेड़ पर अटके – लटके ,

आँसू बहाते एक गिरगिट से हुई मुलाकत  .

उसने कहा –

घड़ी के काटें के साथ पल पल बदलते ,

तुम लोगों  को देखने के बाद अब ……

अपने रंग बदलने की  अदा का  मै  क्या करूँ ?

मेरी तो पहचान ही खो गई है .

 

 

image from internet.