कल पेड़ पर अटके – लटके ,
आँसू बहाते एक गिरगिट से हुई मुलाकत .
उसने कहा –
घड़ी के काटें के साथ पल पल बदलते ,
तुम लोगों को देखने के बाद अब ……
अपने रंग बदलने की अदा का मै क्या करूँ ?
मेरी तो पहचान ही खो गई है .
image from internet.
कल पेड़ पर अटके – लटके ,
आँसू बहाते एक गिरगिट से हुई मुलाकत .
उसने कहा –
घड़ी के काटें के साथ पल पल बदलते ,
तुम लोगों को देखने के बाद अब ……
अपने रंग बदलने की अदा का मै क्या करूँ ?
मेरी तो पहचान ही खो गई है .
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