यह बयार गजब ढातीं हैं
कभी बुझती राख की चिंगारी को हवा दे
आग बना देतीं है।
दिल आ जाये तो , खेल-खेल में
जलते रौशन दीप अौ शमा बुझ देती है
यह बयार गजब ढातीं हैं
कभी बुझती राख की चिंगारी को हवा दे
आग बना देतीं है।
दिल आ जाये तो , खेल-खेल में
जलते रौशन दीप अौ शमा बुझ देती है