कायनात, दुनिया अौर खुदाई

सारी दुनिया  की रीत- रिवाजों को पढ़ा।

ना जाने कितनी सारी किताबें को  पढ़ा।

पर नहीं  पढ़ा , तो बस अपने आप को।

सारी कायनात को पढ़ कर समझ आया……

अपने अंदर हीं है

 सारी कायनात, दुनिया अौ सारी खुदाई।