मातृभाषा को बोलने अौर सुनने का एहसास हीं बहुत सुखद होता है अौर संबंधो में ज्यादा अपनापन अौर निकटता लाता है। इसराइल की आधिकारिक भाषाएँ अरबी और हिब्रू हैं। हिब्रू मृतप्रायः भाषा थी, जिसे उन्हों ने पुनर्जिवित किया । इसी तरह बांग्लादेश ‘ भाषा आन्दोलन दिवस’ मना कर अपनी भाषा को संरक्षित कर रहा है। हमारे यहाँ तो भाषाअों का खजाना है। बस उनके सम्मान अौर संरक्षण की जरुरत है।
भाषा बाधा नहीं, अभिव्यक्ति है।
भाषा कोई भी हो, चमक बोलनेवाले में होती है।
मातृभाषा से ज्यादा मधुर कुछ भी नहीं ।
भाषा बाधा नहीं, अभिव्यक्ति है !!!!!
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