ज़िंदगी के रंग – 56

कहते हैं –

इन्सान एक कारण से

अकेला हो जाता है.

अपनों को छोड जब

ग़ैरों से सलाह लेता है

लेकिन

तब क्या करें ?

जब अपने हीं बेगाने

हो जायें ?