हम सब सागर जैसे है.
कभी गहरे शांत सागर सी शांत ज़िन्दगी.
कभी तूफ़ानी समंदर सी आती जाती ,
अनगिनत परेशानियों की लहरों में उलझे.
दिल में कई राज औ दर्द ,
सीपों में मोतियों सा छुपाए.
कभी पूनम की रात सा
चाँद को छूने के उल्लास से भरे .
क्या हम सब हैं सागर जैसे ?

Nice lines Rekha ji.
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Thank you 😊 Poonam.
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Fabulous
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Thank you 😊
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💘 it
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Bilkul sahi. Very beautiful
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शुक्रिया सोनल .
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I guess, yes we all are… Lovely lines!!
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Thank you 😊
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