गिनती

कुछ बातें भूल जाना हीं बेहतर है।

पर क्या करें?

बिना बहे आँसुअों की गिनती

आँखे बंद कर हुई मुलाकातों की बातें ,

दर्द में भी मुस्कुराहट,

का हिसाब भी यह दिल रखता है।






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