मकर संक्रान्ति, लोहङी, ताइ पोंगल, उझवर तिरुनल, उत्तरायण, माघी, भोगाली बिहु, शिशुर सेंक्रात, खिचड़ी, पौष संक्रान्ति, मकर संक्रमण जैसे नामों से यह त्योहर जाना जाता है।
मान्यता है –
मकर संक्रान्ति किसानों का अच्छी फसल के लिये भगवान को आभार देने का उत्सव है। शास्त्रों के अनुसार, दक्षिणायण से सुर्य व देवताओं के उत्तरायण होने का दिन अर्थात् सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। भागिरथ के अथक प्रयास से संक्रान्ति के दिन ही गंगाजी पृथ्वी पर आईं थीं।महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपनी देह इस दिन हीं त्यागा था। इस दिन भगवान भास्कर अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उसके घर जाते हैं व शनिदेव मकर राशि के स्वामी हैं, अत: इस दिन को मकर संक्रान्ति के नाम से जाना जाता है।

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*शकुन-अपशकुन*
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धन्यवाद
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जी धन्यवाद क्यों ??
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क्योंकि आपने अपने post का link/ नाम दिया। पहले मैंने आपके blog पर जाने की कोशिश की थी पर किसी वजह से नहीं खुला था।
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🙏🙏🙏
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😊नमन !
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*रोजगार प्राप्ति के उपाय*
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क्या ये टोंटके काम करते हैं.
दही चीनी तो बचपन से हम खाते और खिलाते आ रहें है .
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जी हाँ अवश्य करते हैं। परन्तु कुछ नियम होते है इनके
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आप नियम भी लिखा किजिये।
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जी नियम आवश्यकतानुसार होते है
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जी।
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जो पूछने वाले के हिसाब से बताए जाते है
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आप चाहे तो आजमा सकते है किसी भी काम के लिए । आप पूछे हम बताएगें । और वह काम करेगा।।
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ok, bilkul.
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🙏🙏
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Apko bhi!
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dhanyvaad Rupali.
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Wishing you the same…
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thank you.
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Pleasure buddy
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