साँसे बचाए रखना

सागर पार से कितनी आवाज़ें दीं-

इंतज़ार करना…..

साँसे बचाए रखना .

शमा जलाए रखना ,

आस बनाए रखना .

गहराई और अथाह जल…….

लहरों का सैलाब ,

सागर में ज़्यादा था

या

आँखों से बहते

आँसुओं के लहरों में.

कुछ समझ नहीं आया .

बहते दर्द के सैलाब से धुँधली आँखें

कुछ देख नहीं पाई.

और इंतज़ार बस इंतज़ार रह गया …….

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