जब तक फूलों सी
ख़ुशबू औ नज़ाकत थी .
बेदर्दी से पेश आते रहे लोग .
अपने को काँटे सा कठोर दिखाने के बाद
हम तो नहीं बदले पर
लोग बदल गए….
कुछ सुधर से गए हैं…..

जब तक फूलों सी
ख़ुशबू औ नज़ाकत थी .
बेदर्दी से पेश आते रहे लोग .
अपने को काँटे सा कठोर दिखाने के बाद
हम तो नहीं बदले पर
लोग बदल गए….
कुछ सुधर से गए हैं…..

हम तो भाग रहें है ज़िन्दगी के साथ ,
यह वक़्त क्यों और कहाँ भाग रहा है ?
काश! वक़्त तुम ठहरते कुछ पल,
हम दोनों साँस ले लेते .

The quest for love changes user. There is no seeker among those who search for love who has not matured on the way. The moment you start looking for love, you start to change within and without.

Shams Tabriz spiritual instructor of Rumi ❤️❤️