कौन हो तुम सब ?
धुँधली आकृति ने कहा –
इतनी जल्दी भूल गए ?
मैं तुम्हारा बीता कल हूँ .
कल तुम्हारा अनमोल आज था .
दूसरे ने कहा मैं तुम्हारा आज हूँ
कल जिसे तुम ,
आने वाला कल मानकर
स्वागत की तैयारी में थे .
और यह तुम्हारा आनेवाला कल है
जो जल्दी ही हमारी तरह बीत जाएगा .
यह तो जीवन चक्र है
आना जाना सृष्टि का नियम है .
हँस कर जी लो ज़िंदगी को ,
जी भर कर ,