ज़िद

चाहतों से और ,

चाहते रहने से ,

ना मुक़ाम मिलते है .

ना चाहतें पूरी होती है .

मंज़िल माक़ूल पाने के लिए

चलते रहने की ज़िद

भी ज़रूरी है .

11 thoughts on “ज़िद

  1. इकदम सही लिखा आपने
    निरन्तर प्रयास से ही सफलता प्राप्त होता है

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