मौसम अौर लोग

किसी को अपनी आदत बनाना ठीक नहीं,

लोगों को मौसम की तरह बदलते देखा है।

9 thoughts on “मौसम अौर लोग

    1. 🙂 सच कह रहें है आप । दिल अौर दिमाग का यह झगङा पुराना है। यह झगङा नहीं हो अौर दोनों एक साथ , एक जैसी बात सोंचेते तो जिंदगी बङी आसान हो जाती।

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  1. बहुत सही बात है यह रेखा जी । इस पर कई फ़िल्मी गीत याद आ रहे हैं मुझे : 1. अरमानों के इस गुलशन में तुम आए हो सावन की तरह, यार बदल ना जाना मौसम की तरह’, 2. तुमने रख तो ली तसवीर हमारी पर ये न हो कि जिस तरह मौसम बदलता है, वैसे ही तुमको भी देखूं रंग बदलते हुए, 3. कुछ लोग यहाँ पर ऐसे हैं, हर रंग में रंग बदलते हैं, हम उनको और समझते हैं पर वो कुछ और निकलते हैं ।

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    1. यही सच्चाई है . लोग कब बदल जाये कहना मुश्किल है . ये सारे गीत बड़े सही और खूबसूरत है और सच्चाई व्यक्त करतें है .
      बहुत आभार आपका !

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