
ढेर सारी मीठी मीठी हँसी
छलक छलक कर बिखर गई।
बरसाती, उफनती नदी सी बह कर सभी को
अपने साथ गीली करती भिगो गई।
कांटों भरी, संघर्ष शिखर लगते हालातों में
हौसले , ताकत, सबक दे जाती हैं
बच्चों की यह मासूमियत ।
इसलिये बचपना बचाये रखना !!!!!

ढेर सारी मीठी मीठी हँसी
छलक छलक कर बिखर गई।
बरसाती, उफनती नदी सी बह कर सभी को
अपने साथ गीली करती भिगो गई।
कांटों भरी, संघर्ष शिखर लगते हालातों में
हौसले , ताकत, सबक दे जाती हैं
बच्चों की यह मासूमियत ।
इसलिये बचपना बचाये रखना !!!!!
Bahut achha…Bachpan jaisa pyara kuchh bhi nhi…..बचपन बचाये रखना…👌
LikeLike
बहुत आभार, 🙂
LikeLiked by 1 person
Nice one
LikeLiked by 1 person
thank you Daneel.
LikeLike
सही कहा आपने ः)
LikeLiked by 1 person
शुक्रिया, बचपन तो चला जाता है,पर बचपना भरी हँसी बङे काम की होती है।
LikeLiked by 1 person
बचपन बहुत ही खूबसूरत होता है हैं ना दी।
LikeLiked by 1 person
होता तो है !!!!
LikeLike
सच कहे तो हम कभी बड़े नहीं होना चाहते।
LikeLiked by 1 person
क्यों?
LikeLike
क्यूँ दी जब तक हम छोटे होते हैं हम हर किसी की खुशियों का ख्याल रखते हैं अगर कोई पराया भी रोता हैं तो हमारे आंखों में आंसू आ जाते हैं परंतु जब हम बड़े होते हैं तो सब इसके विपरीत हो जाता हैं। आपने भी अनुभव किया होगा कि जो सुख दुसरो के चेहरे पर मुस्कान लाने से मिलती है वो अनमोल होती है।
LikeLiked by 1 person
बात तो सही है. बचपन के व्यवहार में छल V बनावट नहीँ होता .
LikeLike
इसी लिए कहा दी हम बड़े नहीं होना चाहते।
LikeLiked by 1 person
हाँ, इस नजरीये से तुम्हारी बात साही है।
LikeLike
😊
LikeLiked by 1 person