उठना – गिरना

 

अक्सर देखा है ,गिरने वाले को उठाएँ या नहीं?

   यह तय होता है, गिरनेवाले की अौकात पर ………

19 thoughts on “उठना – गिरना

    1. हाँ, है तो। रोजमर्रे की जिंदगी मे जो नज़र आता है, उसे शब्दों में ढाल दिया अतुल।

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  1. औकात के स्थान पर स्वभाव शब्द का प्रयोग होता तो मैं आपकी बात से पूर्ण सहमत होता

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