मुकम्मल जहाँ

 

सपने, कविता ,ग़ज़ल, शायरी में तो जमीं आसमां अौ सारे जहाँ मिल जाते हैं..

पर उनसे बाहर निकलो , तब मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता ।

20 thoughts on “मुकम्मल जहाँ

  1. इस पार या उस पार होगी
    ये नौका निश्चित पार होगी
    जीत की ही ठान ली जब
    फिर कैसे तेरी हार होगी…….
    आपके मुकम्मल जहां को समर्पित

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