
आँखोँ से आँखों मे, अौर फिर , कही दिल में उतर कर
सारे राज ना कोई जान ले,
खजाने हैं…..
कुछ बेमोल- कुछ अनमोल !!!

आँखोँ से आँखों मे, अौर फिर , कही दिल में उतर कर
सारे राज ना कोई जान ले,
खजाने हैं…..
कुछ बेमोल- कुछ अनमोल !!!
जब भी किसी ने आँखों से मदद मागीं
अौर
नादानी में, अनदेखा किया, वे आज भी याद हैं।
लरजते आँखों को पहचान लेना, ऐसे हाथों को
कस कर थाम लेना,
शायद सबसे बङी इबादत है !!!!
दिल के सच्चे लोग कुछ एहसास लिखते है,
मामूली शब्दों में ही सही कुछ खास लिखते है।
Source: दिल के सच्चे लोग…..
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