ऐसा क्यों?  (जिंदगी के रंग 12 -कविता) 

ऐसा क्योंहोता है?

एक आवाज़ आई –
यह तो मौका है लोगों को पहचानने का.

साथ तो वही देगा ,

जो खुद सच्चा  हो.

जिन्हों ने  खुद गलतियाँ की है

वे  तो हमेशा गलत तरफ़ ही खड़े मिलेंगे ना ?

कितने लोग साथ है यह मत देखो.

कौन  है यह देखो.

क्योंकि वही  अपने है.

वही सच्चे है…..