इंडोनेशिया पितृपूजा – एक विचित्र प्रथा

 

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पूर्वजों की उपासना के लिये पितृपक्ष, श्राद्ध  की परंपरा या पितृपूजा किसी न किसी रूप में प्राय हर जगह होती  है। हमारे यहाँ नव रात्री के पहले के १५ दिन पितृपक्ष कहलाता है। इस समय लोग अपने गुजरे स्वजनों को सम्मान देते हुए पितर या पितृपूजन करते हैं।

  इंडोनेशिया के  तोजारान लोगपितृपूजा को एक  महोत्सव के  रूप में मनाते हैं। वे हर तीन साल के बाद कब्र से अपने मृत रिश्तेदारों के शव को घर लाते हैं।  उनकी लाशों को साफ कर  नये कपड़े पहनाते हैं। वे परिजनों को हमेशा अपने बीच बनाये रखना चाहते है। यह वहाँ की प्राचीन पर विचित्र  परंपरा है।

 

 

17 thoughts on “इंडोनेशिया पितृपूजा – एक विचित्र प्रथा

  1. I was saw a video on weird rituals around the world. One of them was this, the one which you mentioned in this post. Just imagine,I saw the picture of one of the bodies, wearing new dresses. It was horrible!
    Lovely post,btw!

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    1. हर वर्ष दुर्गा पूजा के ठीक पहले के 15 दिनो को पितृ पक्ष कहते हैं. इस समय अपने स्वर्गीय आत्म जनो के सम्मान में पूजा किया जाता हैं. यह अपनी श्रद्धा और विश्वास पर निर्भर करता हैं.

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