
पूर्वजों की उपासना के लिये पितृपक्ष, श्राद्ध की परंपरा या पितृपूजा किसी न किसी रूप में प्राय हर जगह होती है। हमारे यहाँ नव रात्री के पहले के १५ दिन पितृपक्ष कहलाता है। इस समय लोग अपने गुजरे स्वजनों को सम्मान देते हुए पितर या पितृपूजन करते हैं।
इंडोनेशिया के तोजारान लोगपितृपूजा को एक महोत्सव के रूप में मनाते हैं। वे हर तीन साल के बाद कब्र से अपने मृत रिश्तेदारों के शव को घर लाते हैं। उनकी लाशों को साफ कर नये कपड़े पहनाते हैं। वे परिजनों को हमेशा अपने बीच बनाये रखना चाहते है। यह वहाँ की प्राचीन पर विचित्र परंपरा है।

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