कभी देखा है,
जब साया भी
साथ छोङ दे?
कहते हैं, बुरे दिनों में
छाया भी साथ छोङ देती है।
अगर, आज साया ना दिखे,
ङरो नहीं
आज तो छायाविहिन दिवास है।
( छायाविहिन दिवस /नो शैङौ या जीरो शैङो ङे १६-५-२०१६ पर )
images from internet.

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रेखा जी,
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संजना पाण्डेय
शब्दनगरी संगठन
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धन्यवाद संजन जी , आपको मेरा ब्लॉग पसंद आया, यह जान कर खुशी हुई. मेरा मोबाईल नो 8005101070 है.
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