दिवाली गुलज़ार करने वाले अँधेरे मॆं खो गये

आत्मघाती बम बनते बच्चे



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बच्चे खूबसूरत फूलों की तरह होते हैं , और जिंदगी का सबसे खुबसूरत लम्हा बचपन होता हैं.
दरिँदगी की हद पार करते आतंकियों ने इन्हें भी नहीँ बख्शा हैं. आतंकी बच्चों का इस्तेमाल आत्मघाती हमलों में बम के रुप में करने लगे हैं.  दुखद बात हैं , ऐसे  बम बनाने में बालिकाओं का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता  हैं. लगभग एक वर्ष मॆं  बोको हरम द्वारा इस कृत्य मॆं लगभग 11 गुना अधिक बालिकाओं को लगाया गया हैं.
  दिल दहलाने वाले आंकड़े बताते हैं कि 2014  से 2016 के बीच चालीस से अधिक बच्चों को आत्मघाती बम के रुप मॆं जान गंवानी पड़ी  हैं. यह संख्या तेज़ी से बढ़ती जा रही हैं.
बच्चों को इस कुकृत्य मॆं लगाने से रोका जाना चहिये.

 

 

Image by Chandni Sahay.