वृंदावन और कान्हा की मुरली
सब जानते हैं
वृंदावन की होली
सब जानते हैं
पर वहाँ कृष्ण को याद करती
सफेदी में लिपटी विधवाओ की टोली
किसने देखी हैं ?
आज़ जब पहली बार
उन्हों ने खेली फूलों की होली
सफेदी सज गई गुलाबो की लाली से
कहीँ बज उठी कान्हा की मुरली
उनकी उदास सांसो से.
( मान्यता हैं कि वृंदावन , वाराणसी आदि में शरीर त्यागने से मोक्ष के प्राप्त होती हैं. इसलिये प्रायः इन स्थानों पर विधवाये आ कर सात्विक जीवन बसर करती हैं. यहाँ इन्हें अनेकों बंधनों के बीच जीवन व्यतीत करना पड़ता हैं. इस वर्ष पहली बार होली खेलने के लिये कुछ मंदिरों ने अपने द्वार इन विधवाओं के लिये खोल दिये. )
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