सम्मान के रक्षा के लिए, परिवार या उसके अन्य सदस्यों द्वारा उसी परिवार केकिसी एक सदस्य की हत्या करने या उसे अस्वीकृत किया जाना आनर किलिंगकहलाता है। इसकी शिकार ज़्यादातर लड़कियाँ हीं होती हैं।
एक और आनर किलिंग
हमारे समाज में एक और आनर किलिंग होता है।जिसके लिए ना सज़ा है ना सज़ा का प्रावधान। मज़े की बात है कि समझते सब है,पर ना समझ बन कर। अक्सर कुछ परिवारों में लड़कियों के बेमेल, गलत, बेढंगे या धोखापूर्ण विवाह हो जाते हैं। ऐसे में इसे सुलझाने, संभालने या सहारा देने की कोशिश के बदले लड़कियों को दोषी ठहराया जाता है। ताकि समाज में उस परिवार की इज्ज़त बनी रहे। मतलब, समस्या का हल नहीं निकाला जाता है।ऐसे में लड़की को उसके भाग्य की दुहाई दी जाती है और उसी परिस्थिति रहने और झेलनेका ज्ञान दिया जाता है। अगर लड़की ऐसा नहीं करती है, तब गलती छुपाने के लिए उसे हीं गलत ठहराया जाता है। यह आनर किलिंग हत्या नहीं तिल –तिल मरने की सज़ा होती है।
क्या ऐसे में कुछ किया जाना चाहिए? या लड़की को लड़की होने की सज़ा मिलते रहना चाहिये?
images taken from internet.




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