मैगी को एक प्रेमपत्र ( व्यंग )

मेरी प्यारी मैगी,

                      प्यार 

                     मेरे जिंदगी तुम्ही से शुरू हुई। पर तुम्हारे साथ खत्म हो, यह नहीं कह सकता। जाने वाले के साथ तो कोई नहीं जाता है न। पर मैं तुमसे इतना जरूर कहना चाहता हूँ कि तुम्हें मैं भूल नहीं पाता हूँ। मेरा तुम्हारा बचपन का प्यार है। मेरी माँ ने मेरा परिचय तुमसे करवाया था। पूरे परिवार और समाज को हमारा प्यार मंजूर था। पर आज वही दुनिया कठोर बन कर हमारे बीच आ गई है।

मुझे आज भी तुम्हारी खूबसूरती याद है। गोरी, बल खाती काया ऊपर से तुम्हारी दो मिनट की फुर्ती। कुछ भी भूल नही पाता हूँ। घर से हॉस्टल जाने पर भी हमारा प्यार कम नहीं हुआ था। कितनी रातें तुम्हारी याद आने पर, वार्डेन से छुप कर, आयरन उल्टा कर उसे हॉट प्लेट बना तुम्हारे लिए पानी उबालता था।

आज तक तुम जैसी कोई मेरी जिंदगी में आई नहीं। पर लगता है यह बेदर्द समाज मेरी जिंदगी में तुम्हारी सौत को लाने की तैयारी में हैं। आज ना कल तुम्हारे जैसी कोई ना कोई हमारे जीवन में आ जाएगी।

आज एक सच्ची बात तुम्हारे सामने कबूल करने जा रहा हूँ। तुम मुझे बड़ी पसंद थी पर ठंड़ी होने पर बड़ी मोटी, भद्दी हो जाती थी। तुम्हारा यह बदसूरत रूप हमारे स्कूल शिक्षिका ने बहुत बार हमें दिखाने की कोशिश की, तुम्हारी ढ़ेरो बुराईयाँ भी की। पर तुम तो जानती हो प्यार अंधा होता है।

तुम्हारा पुराना चाहने वाला

भोजन भट्ट