भरोसा रख खुद पर,
अपने दिल की आवाज़ों पर।
किसी और को ना समझा,
खुद को समझ और महसूस कर।
हंसी और ख़ुशी आँखों, होंठों और
चेहरे से ऐसे झड़ने लगेगें,
जैसे पारिजात वृक्ष से झड़ते
हरसिंगार के ख़ूबसूरत फूल।
भरोसा रख खुद पर,
अपने दिल की आवाज़ों पर।
किसी और को ना समझा,
खुद को समझ और महसूस कर।
हंसी और ख़ुशी आँखों, होंठों और
चेहरे से ऐसे झड़ने लगेगें,
जैसे पारिजात वृक्ष से झड़ते
हरसिंगार के ख़ूबसूरत फूल।