कालरात्रि सा सघन अँधेरा ,
आता है जीवन में हर रोज़ .
पर
आकाश के एक एक कर
बूझते सितारे,
करते है सूरज
औ भोर की
किरणों का आगाज …..
बस याद रखना है –
हर रात की होती है
सुहानी भोर !!!
कालरात्रि सा सघन अँधेरा ,
आता है जीवन में हर रोज़ .
पर
आकाश के एक एक कर
बूझते सितारे,
करते है सूरज
औ भोर की
किरणों का आगाज …..
बस याद रखना है –
हर रात की होती है
सुहानी भोर !!!
कशमकश में दिवस बीत गया….
सूरज धुल कर चाँद हो गया।
तब
आसमान के झिलमिलाते सितारों ने कहा –
हौसला रखो अौर आसमान चुमने की कोशिश करो।
क्योकिं अगर
उतना ऊपर ना भी पहुँच सके,
तब भी हम सितारों तक
तो जरुर पहुँच जाअोगे!!!
आसमान में झिलमिलाते सितारे ,
जगमगाता रौशन चाँद ….
खो गए
अमावस के अँधेरे में.
और धीरे से कहा –
जिंदगी के रंगो को देखो ….
टूटना और जुटना सीखो.
हम भी तो आधे -अधूरे -पूरे होते रहते है.
यह चक्र तो चलता ही रहता है.