मैं क्यों आई धरा पर? #गंगाजयंती/गंगासप्तमी 18 मई
गंगा सप्तमी 18 मई को है। वैशाख मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थीं। इसलिए इस दिन को गंगा जयंती या गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है।
गंगा सप्तमी 18 मई को है। वैशाख मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थीं। इसलिए इस दिन को गंगा जयंती या गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है।
यह कविता आदरणीय मनोरमा जी अौर अनिल जी को समर्पित है. जो किसी कारणवश दूसरे शहर में शिफ्ट हो रहे हैं.
This poem is dedicated to respected Anil ji and Manorama ji on their farewell.
जिंदगी के पचास दिन बीत गये….कम हो गये।
बिना कुछ कहे-सुने, चुपके से एक शाम अौर ढल गई।
दिनों की गिनती शायद हीं कभी इतनी शिद्दत से की होगी।
यह भी एक यात्रा है।
मालूम नहीं कितनी लंबी।
कितने सबकों…पाठों के साथ।
ना शिकवा है ना गिला है।
पर यात्रा जारी है।
आशा भरे नये दिन, नई सुबह के इंतज़ार के साथ।
Image Courtesy- Chandni Sahay
जब भी कहीं डेरा डालना चाहा.
रुकना चाहा.
ज़िंदगी आ कर कानों में धीरे से कह गई-
यह भी बस एक पड़ाव है…
ठहराव है जीवन यात्रा का.
अभी आगे बढ़ना है,
चलते जाना है. बस चलते जाना है.
image courtesy – Aneesh
यह कविता मेरी बेटी चाँदनी सहाय, अधिकारी, यूनियन बैंक की रचना है. उसे इसके लिए यूनियन बैंक , हिंदी कविता प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मिला है. जो मेरे लिये असीम गर्व की बात है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कर कमलों से उद्घाटतृित हो,
खङे हैं अटल-अचल हम एक सदी से।
एकता, अपनापन अौर सेवा-भाव से।
देश अौर देशवासियों की ईकोनॉमी संम्भाले का दायित्व निभाते।
दृष्टिबधितों को ए टी एम ,
सिक्किम नाथूलाल में सबसे ऊँचाई पर ए टी एम जैसी जिम्मेदारियाँ निभा रहें हैं।
आज हम एक शताब्दी ….. 100 वीं वर्षगांठ मना रहें हैं!!
इस लंबी यात्रा में ना जाने कितनी उपलब्धियाँ हासिल की।
पूँजी बाजार में शामिल हुए, टेक्नो-सेवी बैंक होने की ख्याति पाई,
युमोबाइल, टेब्यूलस बैंकिंग, यूनियन सेल्फी,
आधुनिक बैंकिंग विचारधारा वाला एक अग्रणी बैंक बन,
डिमोनीटाईजेशन के समय रात दिन एक कर सम्मान अर्जित किया।
पहले-पहल हिंदी में वार्षिक रिपोर्ट बनाईं,
ऐसे ना जाने, कितनी मोतियाँ हैं हमारे उपल्बधियों की माला में।
अखंडता, शक्ति और साझेदारी का प्रतिनिधित्व करती हुई,
हमारे यूनियन बैंक इंटरलॉक प्रतीक की तरह।
आज हम सेंटेनरी…… 100 वीं सालगिरह मना रहें हैं!!!!
सबों को बधाई अौर आभार!
राष्ट्र सेवा कर राष्ट्रपति पुरस्कार पाया।
यह प्यार, यह सम्मान बना रहे …..
अच्छे लोग अच्छा बैंक,
“बैंक के साथ अच्छे लोग” की भावना बनी रहे…….
कामना है सभी स्वस्थ रहें, सुखी रहें –
“सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः।”
Image courtesy- Chandni Sahay.
जीवन की परिभाषा
और जीवन मेंअपनी परिभाषा
ढूँढते ढूँढते कई परिभाषाएँ बनी,
बनती गई…… और कई मिटी भी ……
पर यात्रा जारी हैँ
किसी शाश्वत और सम्पूर्ण
परिभाषा की खोज में …….
NEWS 12 oct 2017 – Body of newborn girl found in hospital toilet.
The patient informed hospital authorities, who alerted the police. Soon, a team from the Bundgarden police station reached the spot. Later, the newborn’s body was sent for post-mortem.
पाषण युग से आज तक की
लम्बी प्रगति यात्रा
पूरी करने में ना जाने कितनी सादियाँ लगी.
पर कुछ क्रुर पाषाण हृदय वाले
पल भर में वापस वहीँ कैसे लौट जाते है ?
उनकी तुलना पशुओं से भी नहीँ कर सकते
क्योंकि वे भी ऐसा जघन्य कुकर्म नहीँ करते .
You must be logged in to post a comment.