उम्मीदों की शाख़ पर

उम्मीदों की शाख़ पर

आफ़ताब को गले लगाने की ज़िद्द ना कर।

महताब को पाने की ज़िद्द ना कर।

ज़िंदगी हमेशा हसीन कहानी सी हो

यह साजिद ना कर।

ज़िन्दगी कभी मिले राहों में,

उससे बातें कर।

बतायेगी, उम्मीदों की शाख़ पर, नई राह पर,

नये आरजूओं का सफ़र है ज़िंदगी।

रात के आख़री किनारे पर

इक तन्हा चराग़, कमजोर पड़ते लौ से

निशा के गहरे अँधेरे से लड़ता थक सा गया।

रात के आख़री किनारे पर

टिमटिमाते चराग़ के कानों में,

सहर का सितारा बोल पड़ा –

हौसला रख, सुबह के दीप।

कुछ हीं पल में अँधेरा जाने वाला है।

रौशन जहाँ करने,

आफ़ताब आने हीं वाला है,

अख़्तियार एहसासों पर

भावनाएँ.. एहसास हावी हों,

तो नहीं रहता अख़्तियार अपने-आप पर।

जैसे अपनी साँसों पर ना हो अख़्तियार।

ग़र साध लिया अपने दिल-औ-दिमाग़ को,

जीत सकते हैं जग का हर जंग।

PSYCHOLOGYCAL FACT – EQ

Emotional intelligence / EQ refers to

someone’s ability to perceive, understand

and manage their own feelings and emotions.

High EQ person can handle their stress,

uncertainty, and anxiety in a better way.

कसौटी पर स्वर्ण

अक्सर फ़रेब करने वाले,

आज़माते रहते हैं दूसरों को।
भूल जाते हैं, फ़िज़ा में घुली

ख़ुशबुएँ आज़माई नहीं जाती।
गुमान करने वाले परखनते रहते हैं, दूसरों को।

कसौटी पर स्वर्ण ही परखते हैं।
भूल जातें हैं लोहे परखे नहीं जाते।

दूसरों में कमियाँ ढूँढने वाले

धूल आईना की साफ़ करते रहते है,

भूल जातें है ख़ुद के चेहरे साफ़ करना।

रात की दहलीज़ पर

दहलीज़ पर जलता दीया,

पाथेय बन राहें

उनके लिए रौशन है करता,

जिन्हें वापस आना हो।

ज़ो लौटें हीं ना

उनके लिए क्यों दीया जलाना

रात की दहलीज़ पर?