दोस्ती

बोतल से प्यार कर

महफ़ूज़ रहती है सूरा।

शराबी से आशिक़ी कर,

लगे नशेमन का कलंक।

हिना डाल पर हरी,

पाषाण की दोस्ती से बदल जाए रंग।

कमल का प्यार पानी संग

खिल जाए उसका रूप रंग।

लोहा का प्यार पानी से।

टूटे खा कर जंग।

कुछ लगाव अज़ीम रिश्ते हैं बनाते।

कुछ दोस्ती लगाते है कलंक।

प्लेटोनिक प्रेम

यह प्राचीन, दार्शनिक व्याख्या है। जो सिर्फ गैर-प्लेटोनिक प्रेम को जानते हैं, उन्हें त्रासदी पर बात करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस तरह के प्रेम में किसी प्रकार की त्रासदी का स्थान नहीं हो सकता। – लियो टॉल्स्टॉय।

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प्लेटोनिक संबंध या प्रेम दो लोगों के बीच एक विशेष भावनात्मक और आध्यात्मिक संबंध है, जो सामान्य हितों, मिलते-जुलते विचारों,  आध्यात्मिक संबंध, और प्रशंसा  हैं। अधिकांश दोस्ती व्यक्तिगत रुप से या कार्यस्थान से शुरू होतें हैं।

इसका नाम ग्रीक दार्शनिक प्लेटो के नाम पर रखा गया है, हालांकि उन्हों ने कभी भी इस शब्द का इस्तेमाल नहीं किया।  प्लेटोनिक प्रेम निकटता से हुए आत्मियता, लगाव  अौर  आकर्षण  है। इसमें शारीरिक लगाव या आकर्षण से ज्यादा ज्ञान और सच्चे सौंदर्य के साथ जुड़ाव होता हैं।

 

 

दोस्ती…मैत्री….

घंटो बातें करो

या फिर बिलकुल बातें ना हो ,

दोस्ती या सम्बन्धों को,

निभाने का यह तरीक़ा

कुछ समझ नहीं आता .

क्या कोई बता सकता है ?

क्यों करते हैं लोग ऐसा ?

अपने को माफ करके तो देखिये Forgive yourself

 

अपने आप से नाराजगी, शिकायतें 

अपने आप से झगङा…..

क्यों हम करते  हैं हर  रोज़?

कभी अपने आप से  प्यार अौर दोस्ती

करके तो देखिये।

अपने को माफ करके तो देखिये……

कितना सुकून मिलेगा।